सीएसडीएस सराय का तहे दिल से शुक्रिया। जिसने एक बेहतरीन सफर पर जाने या यूं कहें एक नई को दुनिया को करीब से देखने का मौका दिया। दुनिया जो कम रफ्तार से दौड रही है मगर इसकी ख्वाहिश सबको पीछे छोड देना है। फिलहाल इस दुनिया की कम स्पीड से दूसरी दुनिया को देखने की कोशिश जारी है। धन्यवाद शुभचिंतकों, मित्रों और उन लोगों को जो इस विषय में और गंभीरता लाने के लिए लगातार सुझाव दे रहे हैं, मदद कर रहे हैं
1 comment:
चलिये कुछ तो साबुत है...
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